Friday, November 28, 2014

क्या आप अपनी बेटी से प्यार करते हैं.

बेटियों को अच्छे-बुरे की शिक्षा देना माँ-बाप का फर्ज़ है. ख़ास कर जब वो 11 से 18-19 साल की हो तब उन के साथ समय बिताइए. उनकी समस्याओं को जानिए. उन्हें लालच और लालसा से दूर रहना सिखाइए. ज्यादातर लडकियां एशो-आराम के चक्कर में प्यार का झांसा और शादी का वादा दे कर फंसाई जाती है और फिर उन के मन और शरीर से खेल कर छोड़ दी जाती हैं. बोयफ्रेंड होना गुनाह नहीं. बॉयफ्रेंड को अपना अनुचित लाभ उठाने देना गुनाह है. इस उम्र के दौर में शारीरिक बदलाव होते हैं. होर्मोन्स दिमाग की सोच को कुंठित करते हैं. सही-गलत का भान नहीं रहता.

कई लडकियां अपने दिमागी सपनों की वजह से झूठमूठ शेखी बघारती है के मैंने तो अपने बोयफ्रेंड को कीस किया, ये किया, वो किया. तो बाकी भी उस कुंठित अवस्था में सोचती है के मैं पीछे कैसे रह जाऊं और वो अगर उसका बोयफ्रेंड शर्मीला हो तो भी उकसाती है....ताकी वो भी शेखी बघार सके.

कई किस्से देखे हैं मैंने और शायद आपने भी, जहां लड़का-लड़की दोस्त बने, एक दुसरे को जाना, पारिवारिक सम्मति से शादी हुई और हंसी-ख़ुशी जी रहे हैं, पर उन किस्सों से कई सौ गुना ज्यादा किस्सों में लड़कियों को शादीका झांसा देकर शारीरिक शोषण किया गया है. बात हिंदी फिल्मों की तरह "मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ" तक पहुँचने पर नकली प्यार हवा हो जाता है और यथार्थ के धरातल पर पहुँच कर लडकी का पूरा अस्तित्व चूर-चूर हो जाता है. ...(क्रमश:)



कवि: अज्ञात

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