Wednesday, August 10, 2016

धर्म या अधर्म...?


हैदराबाद के "जीवनदान"नामक किसी संस्था या चिकित्सालय का समाचार दिखा रहा था जहां लगभग 40-45 मुस्लिम अपनी बीमारी में अंगदान का लाभ ले चूके हैं लेकिन जब उनके परिवारवालों को अंगदान के लिए पूछा जाता है  तो उनका धर्म दान की इजाजत नहीं देता ।अब तक एक भी मुसलमान ने कोई अंगदान नही किया है। वाह! क्या दोहरा मापदंड है। 

ये धर्म है या अधर्म? दूसरों के माल को जायज मानते हैं... इनका धर्म इस्कॉन के शाकाहारी खाने से भ्रष्ट हो जाता है, पर हिन्दु जो जीवनभर राम, कृष्ण, महादेव.. की पूजा करते हैं, उसके अंग को जिने के लिए ये ले लेते हैं | उपर से हरामीपन ये कि जब इनको अंगदान को पूछा जाए तो धर्मका बहाना करते हैं |

इन्हें हिंदु धर्म से नफरत है, पर हिन्दुओं के पैसों से हज करने से नहीं..! तब इनकी हज हराम नहीं होती? अगर केन्द्र सरकार या कोई राज्य सरकारें अमरनाथ यात्रा पर सब्सिडी देने लगे तो कांग्रेस, आपिये, केजरीवाल और उसके अपराधी एमएलए, लालू प्रसाद, नीतीश,ममता बनर्जी, वामपंथी, ओवैसी, मुल्ले और इन के साथी वेटिकन /साउदी गुलाम भारतीय मीडिया का एक वर्ग छत पर चढ़ कर हल्ला मचाएंगे |


अब बात राजनीतिक, वोटबैंक प्रेरित फतवों की |कांग्रेस ने अंग्रेजों वाली "फूट डालो, राज करो" नीति अपना कर ६७ (67) वर्षों में जो राह दिखाई सारे विपक्ष उस पर चल रहे हैं | ममता बनर्जी मौलवियों को पगार देती है, पर पुजारियों को नहीं देंगी, उपर से मुल्ले वहां अभी वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.. चोरी और सीनाजोरी | दलितों के मसीहा दिखने का ढोंग रचानेवाले अखिलेश यादव मुस्लिम लड़कियों, गरीब या अमीर, को मुफ्त की रेवड़ीयाँ बांटते हैं, हिन्दू गरीबों को भी नहीं, दलित कन्याओं को भी भूल जाते हैं | मायावती, नीतीश, लालू, राहुल गांधी, वामपंथी, या दल्ले पत्रकार इस पर मौन हैं | मुस्लिमों को इस प्रकार से अपाहिज बनाकर वोट लूटना ही इनका काम है | सिर्फ भारत में सेक्युलरिज्म शब्द सम्विधान में बाद में जोड़ा गया और जिन्होंने जोड़ा है, वो ही धर्म के नाम पर मुफ्त की रेवड़ियाँ बाँट कर समान अधिकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं | 

कहने को ये शांतिप्रिय हैं, पर दुनिया के जितने भी मुस्लिम देश हैं, सारे अशांत हैं | मुल्ले, वामपंथी, कांग्रेस और उस के दोगले साथी हिन्दुओं की जाती, कही किसी ख़ास कारणवश दलित की पिटाई को  (दलित उत्पीडन बिलकुल नहीं, ऐसा मैं नहीं कहता, परन्तु पैसे, धंधे, जमीन या ऐसे कारणों से हो तो भी ) बड़ा इश्यु बनाकर हल्ला मचाते हैं, पर शांतिप्रिय मुस्लिमों में एक हिंसक फिरका अन्य फिरकों के लोगों का कत्लेआम  कर रहा है, ईसाईयों, हिन्दूओं, येज़ीदीओं, कुर्दों... को मार रहा है, इनकी महिलाओं का बलात्कार कर रहा है और इसे धर्म के नाम पर जायज़ भी ठहरा रहा है | 



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